श्रीनगर। वनाग्नि में झुलसी महिला की उपचार के दौरान देहरादून के निजि अस्पताल में मौत हो गयी।
सात तारीख को जंगल की आग में झुलसी महिला को श्रीनगर गढ़वाल के बेस अस्पताल में बर्न यूनिट ना होने के चलते महिला को हायर सेंटर एम्स ऋषिकेष ले जाया गया। वहां बेड ना होने के चलते महिला को देहरादून के अस्पताल भर्ती किया गया।
बुरी तरह झुलसने और समय पर सही इलाज नहीं मिलने के कारण महिला ने दम तोड़ दिया है। इस मामले में वन विभाग का कहना है कि उन्हें 9 मई को घटना की जानकारी प्राप्त हुई। अब महिला के परिवार को मुआवजा राशि देने की कार्रवाही शुरू कर दी गयी है।
जंगल की आग से झुलसी ब्लॉक कीर्तिनगर के ग्राम पंचायत मणजूली की कांति देवी (62) पत्नी विजय सिंह ने देहरादून में निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। महिला के पुत्र मस्तान सिंह ने बताया कि उनकी माता 7 मई को गांव के पास के जंगल में चारापत्ती लेने गई थीं। इसी दौरान तेज हवा चलने से जंगल की आग वहां तक पहुंच गई।
आग की चपेट में आकर वह झुलस गईं। शोर मचाने पर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कांति देवी को बेस अस्पताल श्रीकोट पहुंचाया। वह करीब 85 प्रतिशत तक झुलस गई थीं। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर किया था। लेकिन वहां बेड न मिलने पर उन्हें देहरादून अस्पताल ले गए। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
वहीं इस मामले में खाखरा रेंज के रेंजर दिनेश जोशी ने बताया कि 9 मई को ग्राम प्रधान के माध्यम से उन्हें घटना की जानकारी मिली थी। जब वे महिला का हाल जानने अस्पताल पहुंचे तो महिला को देहरादून भेज दिया गया था। उन्होंने बताया कि घटना के सम्बंध में जांच की जा रही है।