देहरादून। इस वर्ष नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ हो रहे है। इस पावन पर्व के साथ ही हिंदू नव वर्ष शुरू होते हैं, शक्ति की देवी मां दुर्गा स्वर्ग लोक से धरती लोक पर अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए आती हैं। हिंदू नव वर्ष के पहले दिन से ही नवरात्रि शुरू होते हैं। जिनमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान से की जाती है। नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना विशेष फलदाई होता है। दुर्गा सप्तशती के देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और इनके बाद कीलक स्तोत्र का पाठ करने से अनेक चमत्कारी लाभ होते हैं। नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ सभी कार्यों में सफलता और धन संपत्ति की प्राप्ति हो जाती है।धार्मिक परमपराओं के अनुसार तिलक स्तोत्र का पाठ नवरात्रों में दुर्गा सप्तशती के देवी कवच और अगला स्तोत्र के बाद करने का विधान होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। साथ ही इस स्तोत्र का पाठ विधि विधान से करने पर भय से मुक्ति, आरोग्यता, धन संपत्ति की प्राप्ति, शत्रुओं का नाश, शक्ति की प्राप्ति, शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का देवी मां आशीर्वाद प्रदान करती है।इस स्तोत्र का संबंध तंत्र-मंत्र से भी है। यदि किसी व्यक्ति पर तंत्र मंत्र का प्रभाव है तो इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ करने से सभी तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है। नवरात्रि के अलावा इस चमत्कारी और शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ रोजाना करने पर कार्यों में उत्पन्न सभी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं और देवी मां साधक को अमोघ फल प्रदान करती हैं।
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