देवराणा मेला का समापन

उत्तरकाशी। रवाईं का प्रसिद्ध देवराणा मेला (डांडा की जातिर) धूमधाम से मनाया गया। मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने आराध्य देव रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन कर सुख, समृद्धि की कामना की। आषाढ़ मास में मनाया जाने वाले पौराणिक देवराणा मेला पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हो गया। बलजाड़ी गांव में आराध्य रुद्रेश्वर महाराज की डोली को शनिवार को गर्भगृह से बाहर लाया गया था, जिसमें 65 गांव के ग्रामीण मौजूद रहे। जिसके बाद देवता क्षेत्र भ्रमण पर निकले। जयकारों के साथ रुद्रेश्वर महाराज देवता की डोली देवराणा स्थित रुद्रेश्वर महाराज मंदिर में पहुंची, जहां ग्रामीणों ने पारंपरिक हारोल, तांदी नृत्य के साथ देवता का पश्वा नृत्य एवं डोली नृत्य किया। इस मौके पर देवता के माली बालकराम नौटियाल पर देवता अवतरित हुए। उन्होंने मंदिर की नागमुडेली पर चढ़ कर तीन बार – देवता की मूर्ति के दर्शन श्रद्धालुओं को करवाया। मेले के दौरान यमुनोत्री और गंगोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने जलाभिषेक किया। साथ ही राणू की गाड़ उत्तरकाशी से रिंगाल की कंडी भेंट की। गढ़ डाबरा से आए हुड़कियों ने हुड़की बजाकर रुद्रेश्वर महादेव की गाथा का गान किया। इसके पश्चात देवता की डोली से श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया। देर शाम को देवता की डोली मटियाली गांव के लिए रवाना हुई।

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