गोपेश्वर। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने ज्योतिर्मठ आपदा के कार्यों को लेकर बुधवार को मूल निवासी स्वाभिमान संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान जिलाधिकारी ने संगठन के पदाधिकारियों को ज्योतिर्मठ की सुरक्षा के लिए शासन और प्रशासन के स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही संगठन की मांगों को शासन स्तर पर रख निस्तारित करने का भी आश्वासन दिया। तहसील ज्योतिर्मठ में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि ज्योतिर्मठ की सुरक्षा को लेकर डीपीआर बनाई गई है। आगामी 30 वर्षो को ध्यान में रखकर ज्योतिर्मठ में सुरक्षा योजना पर काम किया जाएगा। साथ ही नगर की आवश्यकता के अनुसार ड्रेनेज व सीवर निकासी के लिये योजना की डीपीआर परीक्षण हेतु आईआईटी रुड़की भेजी गई है। जिसकी स्वीकृति मिलते ही नगर में सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे। कहा कि वर्तमान तक ज्योतिर्मठ में आपदा प्रभावित रेड जोन के 482 परिवारों में से 217 परिवारों को मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। इस दौरान उन्होंने प्रभावितों की समस्याएं सुनते हुए कहा कि जिले स्तर की समस्याओं का जल्दी ही निस्तारण किया जाएगा और शासन स्तर की समस्याओं के त्वरित निराकरण के हेतु शासन को अवगत कराया जाएगा।
इस दौरान प्रभावितों की ओर से बीआरओ की ओर निर्मित नालियों का पानी दुकानों मेें घुसने की बात कही गई। जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को शीघ्र बीआरओ के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही नगर में प्रतिबंधित नव निर्माण को लेकर जिलाधिकारी ने एसडीएम को नव निर्माण पर अविलंब रोक लगाने के निर्देश दिए। प्रभावितों ने नगर के संरक्षित क्षेत्रों में हल्के निर्माण करने की अनुमति देने, गौशाला इत्यादि परिसंपत्तियों का मूल्य निर्धारण करने, अलकनंदा नदी के तट पर चल रहे सुरक्षा कार्य की तरह धौली गंगा के तट पर भी सुरक्षा कार्य करने एवं आपदा के चलते व्यापारियों को हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि संगठन की मांगों को शासन स्तर पर रख कर जल्दी निराकरण कराया जाएगा।