देहरादून। मौन पालन और शहद उत्पादन के लिए कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर और स्लोवेनिया के एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के बीच समझौता हुआ। मौन पालन और शहद उत्पादन के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर और स्लोवेनिया के एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के मध्य समझौता ज्ञापन हुआ है।
इस समझौते के अनुरूप पंतनगर विश्वविद्यालय में एक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने के साथ ही मौन पालन पर संयुक्त रूप से शोध कार्य करने, वैज्ञानिकों, छात्रों एवं अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण और शोध कार्य करने के लिए आपसी आदान-प्रदान, संयुक्त रूप से सेमीनार और कार्यशालाएं आयोजित करना प्रस्तावित है। इन प्रयासों से न केवल कृषि आधारित उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि राज्य के किसानों और उद्यमियों को भी आधुनिक तकनीकी जानकारी और सुविधाएं प्राप्त होंगी। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच शोध और तकनीकी आदान-प्रदान को और सुदृढ़ करेगा, जिससे उत्तराखण्ड में मौन पालन उद्योग को नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी। समझौता ज्ञापन पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से राज्य के कृषि क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह समझौता विश्वविद्यालय को मौन पालन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी संस्थान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गौरतलब है कि राज्यपाल ने पंतनगर विश्वविद्यालय को मौन पालन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए निर्देशित किया था।