देहरादून। संस्कृत सप्ताह महोत्सव के तहत देहरादून के विभिन्न हिन्दी माध्यम स्कूलों के छात्रों ने एमकेपी कॉलेज से रिस्पना चौक तक संस्कृत जागरुकता रैली निकाली। लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय की ओर आयोजित इस रैली में छात्रों ने संस्कृत भाषा में लिखी हुई पंक्तियां और स्लोगन की तख्तियां हाथों में ली हुई थी। छात्र-छात्राएं लोगों को संस्कृत भाषा के महत्व के बारे में समझा रहे थे। रैली के दौरान छात्र-छात्राओं ने संस्कृत हमारी भारती, इसकी उतारो आरती, सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है, संस्कृत संस्कृति की खान-इसमें भरा पड़ा विज्ञान, वेदवाणी संस्कृत, देववाणी संस्कृत आदि नारे लगाए। इस मौके पर प्राचार्य, संस्कृत महाविद्यालय देहरादून ने कहा कि जन-जन के जीवन की भाषा में संस्कृत एक अनिवार्य पहलू बने। लोक जीवन की लोक संस्कृति में संस्कृत भाषा का समावेश हो। उन्होंने बताया कि आम लोगों के जीवन के व्यवहार में संस्कृत भाषा का अधिकाधिक उपयोग हो, ये उनका उद्देश्य है। वर्तमान समय में संस्कृत भाषा धीरे-धीरे चलन से बाहर होती जा रही है। युवा पीढ़ी संस्कृत के शब्दों व वाक्यों को नहीं समझ रही है, जबकि यह प्राचीन भाषा है। इस अवसर पर देहरादून के निर्वतनाम महापौर सुनील उनियाल गामा, प्रख्यात कथा वाचक आचार्य सुभाष जोशी, टपकेश्वर के मंहतकृष्ण गिरी मौजूद रहे।