नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गढ़वाल मंडल के तत्कालीन अपर निदेशक और वर्तमान में निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं किये जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन ले लिया गया है। इसको आधार मानते हुए उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने जनहित याचिका निस्तारित कर दी। मंगलवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई। पिछली हुई सुनवाई पर प्रदेश सरकार ने कहा था कि सरकार 10 दिनों के भीतर उक्त मामले में निर्णय ले लेगी। जिस पर कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से 10 दिनों के भीतर की गई कार्यवाही पर शपथ पत्र पेश करने को कहा था।उक्त आदेश का पालन करते हुए मंगलवार को प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट दी जिसके आधार पर कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया। मामले के अनुसार देहरादून निवासी बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पवार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि अपर निदेशक गढ़वाल मंडल के पद पर रहते हुए महाबीर सिंह बिष्ट पर गंभीर आरोप हैं। विभागीय जांच में उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है, लेकिन शासन द्वारा अभी तक महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई।
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