देहरादून। ट्रेडिशनल गेम्स एसोसिएशन उत्तराखंड के पारंपरिक खेलों के साथ ही अन्य पारंपरिक खेलों को पहचान दिलाने के लिए पारंपरिक खेलों का आयोजन करेगी। एसोसिएशन की जिला इकाइयों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों ज्यादा फोकस किया जाएगा।
रविवार को हरिद्वार बाईपास स्थित के होटल में एसोसिएशन के बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कोठियाल ने कहा कि प्रदेश में मुर्गा झपट, बाघ बकरी जैसे प्राचीन पारंपरिक खेल हैं। लेकिन, प्रचार प्रसार और आधुनिक खेलों के बीच यह खेल विलुप्त होते जा रहे हैं। यह खेल ग्रामीण अंचलों में आज भी खेले जाते हैं। एसोसिएशन का गठन इन्हीं पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इन खेलों को प्रदेश के सभी जनपदों में शुरू करने के लिए जिला इकाइयों का गठन भी किया जा रहा है। देहरादून, चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा आदि जनपदों में इकाइयों का गठन कर लिया गया है। विशिष्ट अतिथि भुवन जोशी ने कहा कि इन खेलों की शुरूआत करने से पहले इनके नियम व बनाने चाहिए ताकि खेलों को समझा जा सके। एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश नौटियाल ने कहा कि पारंपरिक खेलों को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह अच्छी पहल है। उपाध्यक्ष मनिंदर लाडोला ने पारंपरिक खेलों के प्रचार प्रसार और आयोजन के लिए मातृशक्ति की भागीदारी पर जोर दिया। एसोसिएशन के सचिव अश्वनी भट्ट ने कहा कि सीबीएसई ने भी पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की शुरूआत की है। एसोसिएशन जल्द ही ब्लॉक और स्कूल स्तर से पारंपरिक खेलों का आयोजन करेगी। साथ ही, खेलों के आयोजन और जानकारी के लिए कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी।