भू कानून और मूल निवास के लिए निकाली रैली

कोटद्वार।  मूल निवास और सख्त भू कानून बनाने की मांग को लेकर आज कोटद्वार में  महारैली निकाली गई।  रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान  समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि अगर प्रदेश में मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होता तो हल्द्वानी जैसी अप्रिय घटना घटित नहीं होती। उन्होंने हल्द्वानी की घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि देवभूमि की पहचान शांति की रही है। डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बाहरी तत्वों को प्रदेश की शांति के लिए खतरा बताते हैं और जिनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात करते हैं उन बाहरी तत्वों की पहचान वह कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि मूल निवास और मजबूत भू कानून किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ सबसे असरदार हथियार है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल मंडल के द्वार कोटद्वार से मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का शंखनाद होने जा रहा है।  डिमरी ने कहा कि सरकार  प्रदेश में मजबूत भू-कानून को सख्ती से लागू कर समस्त भूमि का ब्यौरा जुटाए और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए। समन्वय समिति के सदस्य परवेंद्र सिंह रावत, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रमेश भंडारी ने कहा कि सरकार पहाड़ के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के बहाने पहाड़ी क्षेत्रों में कई लोगों की दुकानें और मकानों को तोड़ा गया। वहीं मैदानी क्षेत्रों में अवैध बस्तियों को हटाने के बजाय अतिक्रमणकारियों बचाने के लिए  रातों-रात अध्यादेश लाया गया। अब जनता सरकार  के दोहरे चरित्र को समझने लगी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।  उन्होंने कहा कि जनता मूलनिवास के लिए अभी नहीं लड़े तो आने वाले समय में मूल निवासियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। डिमरी ने कहा कि यह लड़ाई पहाड़ का वजूद, स्वाभिमान, संस्कृति और संसाधन बचाने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की अस्मिता तभी बचेगी, जब मूल निवास और मजबूत भू कानून लागू होगा। उन्होंने मजबूत भू कानून और मूल निवास के लिए लोगों से योगदान देने की अपील की।

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